वरना हम बेटियां यूँ ही मारी जाएँगी फिर कौन पैदा होना चाहेगा यहाँ ? और भगवान को क्या वरना हम बेटियां यूँ ही मारी जाएँगी फिर कौन पैदा होना चाहेगा यहाँ ? और भगवा...
हाय मुझे सुकून मिला ये तो बुरा इक सपना था, लेकिन खा गया मुझे अंदर तक ज़ख़्म इतना ता हाय मुझे सुकून मिला ये तो बुरा इक सपना था, लेकिन खा गया मुझे अंदर तक ज़...
साहित्य समाज का दर्पण है, इतिहास अतीत का उसमें अर्पण हैI साहित्य समाज का दर्पण है, इतिहास अतीत का उसमें अर्पण हैI
आओ मिलजुल कर स्वस्थ्य खुशहाल समाज बनाए। आदर्श भारतीय होने का फर्ज निभाये। आओ मिलजुल कर स्वस्थ्य खुशहाल समाज बनाए। आदर्श भारतीय होने का फर्ज निभाये।
खुद भूखा रहकर हमको अन्न दिलाता है उसके पसीने से ये मिट्टी धान खिलाती है ! खुद भूखा रहकर हमको अन्न दिलाता है उसके पसीने से ये मिट्टी धान खिलाती है !
आओ कविता लिखें कि कविता - भिड़ जाती है तन्हाई से। आओ कविता लिखें कि कविता - भिड़ जाती है तन्हाई से।